प्रदेश की मण्डी समितियों में सोशल डिस्टेंसिंग, सेनेटाइजेशन, प्रोटोकाल तथा लाकडाउन का उल्लंघन करने पर 250 व्यापारियों का लाइसेन्स निरस्त किया गया और 109 व्यापारियों पर एफआईआर दर्ज कराई गई है। इसके अलावा 808 व्यापारी फर्मों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। उन्होंने बताया कि लाकडाउन का उल्लंघन करने वाले व्यापारियों से 50 लाख रूपये का जुर्माना वसूला गया।
राज्य कृषि उत्पादन मण्डी परिषद् के निदेशक जेपी सिंह ने बताया कि इस कार्यवाही के साथ साथ लाकडाउन के दौरान प्रदेश में फल-सब्जी एवं खाद्य आपूर्ति व्यवस्था को नियमित बनाया गया। उन्होंने बताया कि वर्तमान में 220 मण्डी समितियां, 96 उप-मण्डी स्थलों, रिन, एएमएच हाटपैठ तथा अन्य व्यवस्थाओं के माध्यम से खाद्य आपूर्ति श्रृंखला को नियमित रखा गया। इसके साथ ही रिहायशी इलाकों में डोर-स्टेप डिलीवरी की व्यवस्था भी सुनिश्चित की गई।
सिंह ने बताया कि लाकडाउन की अवधि में किसानों को कोई भी कठिनाई नहीं होने दी गई। किसानों एवं व्यापारियों ने अपने उत्पादों को लाकर बिक्री की। इससे उपभोक्ताओं के लिए उचित मूल्य पर फल-सब्जी बराबर उपलब्ध रही साथ ही किसानों को चुनौतीपूर्ण काल में भी उनकी उपज के लिए उचित दाम मिला।