प्रदेश में 13 साल बाद शुरू हुई अल्पसंख्यक कल्याण की ऋण योजना के संचालन

 


प्रदेश में 13 साल बाद शुरू हुई अल्पसंख्यक कल्याण की ऋण योजना के संचालन पर पेच फंस गया है। शासन ने योजना को एससी-एसटी वित्त विकास निगम की तर्ज पर संचालित करने के आदेश दिए हैं। इससे जहां योजना के अटकने की आशंका है, वहीं लाभार्थियों को बैंकों के चक्कर भी लगाने पड़ सकते हैं। 


दरअसल, अल्पसंख्यक समुदाय के युवाओं को स्वरोजगार मुहैया कराने के लिए अल्पसंख्यक वित्त विकास निगम 6 फीसदी वार्षिक ब्याज की दर से बगैर बैंक के चक्कर लगवाए ऋण मुहैया कराता है। इसी कड़ी में 27 जिलों से टर्मलोन के लिए 572 लोगों के चयन की औपचारिकता पूरी कर अल्पसंख्यक अधिकार दिवस पर इन्हें ऋण बांटने की तैयारी थी, लेकिन प्रमुख सचिव अल्पसंख्यक कल्याण ने उप्र वित्त विकास निगम को टर्मलोन योजना एससी-एसटी वित्त विकास निगम की भांति संचालित करने के आदेश दे दिए।

जानकारों की मानें तो एससी-एसटी वित्त विकास निगम सब्सिडी के साथ बैंक के जरिये लाभार्थियों को लोन उपलब्ध करवाता है, लेकिन अल्पसंख्यक समुदाय को मिलने वाले लोन में सब्सिडी नहीं है। हालांकि उप्र. अल्पसंख्यक वित्तीय विकास निगम के महाप्रबंधक आरपी सिंह कहते हैं कि योजना के संचालन में कोई रुकावट नहीं है। दिसंबर में सभी औपचारिकता पूरी कराकर लोन का वितरण कराने की तैयारी है।


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