प्रदेश की 58 हजार से ज्यादा ग्राम पंचायतों में प्रशासकों की नियुक्ति शनिवार से प्रारंभ

 


प्रदेश की 58 हजार से ज्यादा ग्राम पंचायतों में प्रशासकों की नियुक्ति शनिवार से प्रारंभ हो गई। अधिकतर पंचायतों में सहायक विकास अधिकारी (एडीओ) पंचायत को प्रशासक बनाया गया है। कुछ स्थानों पर उनकेसमकक्ष अन्य एडीओ नियुक्त किया गया है। शुक्रवार आधी रात से ग्राम प्रधानों के खाते बंद कर दिए गए।


गौतमबुद्धनगर को छोड़कर प्रदेश के शेष 74 जिलों में ग्राम पंचायतों का कार्यकाल 25 दिसंबर की आधी रात को पूरा हो गया। ई-ग्राम स्वराज और ग्राम निधि-6 पर लेनेदेन के लिए ग्राम प्रधानों के डिडिटल सिगनेचर सर्टिफिकेट को अनरजिस्टर्ड कर दिया गया। ई-ग्राम स्वराज से ग्राम पंचायतों के विकास कार्यों के लिए तथा ग्राम निधि-6 से स्वच्छ भारत मिशन की गतिविधियों के लिए धन का लेन-देन होता है। अब ग्राम पंचायतों की संपूर्ण जिम्मेदारी प्रशासकों पर आ गई है। ग्राम प्रधानों की उनके ही खाते खोले जाएंगे।


अधिकतर जिलों में जिलाधिकारियों ने प्रशासकों की नियुक्ति कर दी हैं। शेष स्थानों पर एक-दो दिन में प्रशासकों की तैनाती तक दी जाएगी। नगरीय निकायों के सीमा विस्तार के चलते ग्राम पंचायतों में आंशिक परिसीमन का कार्य भी पूरा कर लिया गया है। अपर मुख्य सचिव पंचायतीराज ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे पंचायतों के परिसीमन (पुनर्गठन) संबंधी जिला स्तरीय कमेटी की संस्तुति निर्धारित प्रारूप पर 28 दिसंबर तक विशेष पत्रवाहक के जरिये भेजी जाएं। 

गोंडा की इन 10 पंचायतों में प्रशासक नहीं

गोंडा जिले में तरबगंज ब्लाक की सरावा और खानपुर, नवाबगंज ब्लाक की जलालपुर व बहादुरा और वजीर गंज ब्लाक की रामपुर खरहटा, परसिया, मोहनपुर, बल्लीपुर, गणेशपुर ग्रंट और साहिबापुर में प्रशासक तैनात नहीं किए गए हैं। इन पंचायतों का कार्यकाल वर्ष 2023, 2024 और 2025 में समाप्त होगा। अपर मुख्य सचिव पंचायतीराज ने कहा है कि गौतमबुद्धनगर की सभी 88 पंचायतों व गोंडा की 10 पंचायतों में प्रधानों को अनरजिस्टर्ड करने की कार्यवाही न की जाए।