प्रदेश की भाजपा सरकार पर किसानों की आवाज दबाने के लिए गैरकानूनी हथकंडे अपनाने का लगाया आरोप

 


कांग्रेस, राष्ट्रीय लोकदल और वामपंथी पार्टियों समेत 10 विपक्षी राजनीतिक दलों ने सोमवार को एक संयुक्त बयान जारी किया है। इसमें प्रदेश की भाजपा सरकार पर किसानों की आवाज दबाने के लिए गैरकानूनी हथकंडे अपनाने का आरोप लगाया है। 


कहा कि शांतिपूर्ण धरना-प्रदर्शनों पर पाबंदी लगाई जा रही है, किसानों को दिल्ली जाने से रोका जा रहा है। इसके लिए पुलिस व प्रशासन का नाजायज प्रयोग किया जा रहा है। इन दलों ने राज्यपाल से हस्तक्षेप कर राजनीतिक गतिविधियां बहाल करने की मांग की है। वहीं, हाईकोर्ट से इस मामले में स्वत: संज्ञान लेकर उचित कदम उठाने की अपील है। 


संयुक्त बयान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू, रालोद के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मसूद अहमद, सीपीआई के प्रदेश सचिव डॉ. गिरीश, सीपीआई (एम) के प्रदेश सचिव डॉ. हीरालाल यादव, सीपीआई (माले) के प्रदेश सचिव सुधाकर यादव, फॉरवर्ड ब्लॉक के प्रदेश अध्यक्ष अभिनव कुशवाहा, राजद के प्रदेश अध्यक्ष अशोक सिंह, लोकतांत्रिक जनता दल के प्रदेश अध्यक्ष जुबैर अहमद कुरैशी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष उमाशंकर यादव और समाजवादी जन परिषद के प्रदेश अध्यक्ष विक्रमा मौर्य ने जारी किया है।

इन लोगों ने कहा कि योगी सरकार सत्ता के मद में सारी लोकतांत्रिक सीमाओं को पार कर रही है। उसने गांव-गांव किसानों की जासूसी करने के लिए पूरी नौकरशाही को लगा दिया है।

जले पर नमक छिड़क रही राज्य सरकार

विपक्षी नेताओं ने कहा है कि प्रदेश के किसान तीनों नए कृषि कानूनों और विद्युत बिल 2020 की वापसी चाहते हैं। किसानों को किसी भी फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं मिल पा रहा है। सरकारी खरीद तक दलालों के जरिये की जा रही है। ऐसे में किसानों को उनकी लागत भी वापस नहीं मिल पा रही है। 


वे एमएसपी की गारंटी चाहते हैं। वहीं, किसान सम्मान निधि के तहत दी जा रही धनराशि उनके घावों को भरना तो दूर, जले पर नमक छिड़कने का काम कर रही है। साथ ही कहा कि किसानों को आवारा पशुओं से फसल बचाने के लिए शीतलहर में रात-रात भर जागना पड़ रहा है। इस दौरान इन पशुओं के हमले में अपनी जान भी गंवा रहे हैं। गोरक्षक का ढोंग करने वाली सरकार में गोधन भूखा और प्यासा मर रहा है।