निजी कंपनी के मोबाइल फोन की लॉन्चिंग व प्रचार में बिना अनुमति प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री की फोटो व नाम के इस्तेमाल पर धोखाधड़ी व षड्यंत्र की धाराओं में केस दर्ज

 निजी कंपनी के मोबाइल फोन की लॉन्चिंग व प्रचार में बिना अनुमति प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री की फोटो व नाम के इस्तेमाल पर व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास राज्यमंत्री कपिल देव अग्रवाल के भाई ललित अग्रवाल के खिलाफ हजरतगंज कोतवाली में धोखाधड़ी व षड्यंत्र की धाराओं में केस दर्ज किया गया है। 


एफआईआर में एक मीडिया हाउस की प्रचार कंपनी के महाप्रबंधक व उप महाप्रबंधक के नाम भी शामिल हैं। मामला हाईप्रोफाइल होने के कारण पुलिस अधिकारी चुप्पी साधे हैं। वहीं सूत्रों ने बताया कि मंत्री कपिल देव ने बीते दिनों राजधानी के ताज होटल व नोएडा में इन-ब्लॉक नाम से मोबाइल फोन लॉन्च किया था। 


इसके प्रचार के लिए प्रदेश के विभिन्न प्रमुख स्थानों पर होर्डिंग लगवाए गए। होर्डिंग में फोन को स्वदेशी स्मार्ट फोन बताते हुए बिना अनुमति प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री की फोटो लगाई गई। लॉन्चिंग कार्यक्रम में लखनऊ के विधायक नीरज बोरा, कानपुर की विधायक नीलिमा कटियार, सुल्तानपुर के लंभुआ से विधायक देवमणि द्विवेदी के साथ कई गणमान्य लोग मौजूद थे। 

लोगों भ्रमित करने की साजिश 

आरोप है कि निजी फोन के प्रचार-प्रसार में पीएम-सीएम के अलावा सत्ताधारी पार्टी के मंत्रियों व विधायकों की फोटो का इस्तेमाल कर जनता को भ्रमित करने की साजिश रची गई। ये फोटो इसलिए इस्तेमाल हुए जिससे कि आम जनता को लगे कि फोन केंद्र व प्रदेश सरकार की तरफ से लाया जा रहा है। 

इन पर केस दर्ज 

मुजरफ्फरनगर निवासी ललित अग्रवाल, इंदिरानगर निवासी व प्रचार कंपनी के जीएम नरेंद्रनाथ निगम व डिप्टी जीएम दीपक श्रीवास्तव, बिहार के समस्तीपुर निवासी रामबाबू मंडल व अन्य अज्ञात। 


पीएमओ से फोन पर छूटे अधिकारियों के पसीने                     

सोशल मीडिया के जरिये पीएमओ को प्रधानमंत्री की फोटो प्रचार के इस्तेमाल में लाने की जानकारी हुई। इसके बाद दिल्ली से लखनऊ तक फोन घनघनाने लगे। प्रकरण मुख्यमंत्री कार्यालय पहुंचा तो अधिकारियों के पसीने छूटने लगे। इसके बाद शनिवार रात पुलिस कमिश्नरेट के निर्देश पर हजरतगंज दक्षिणी चौकी प्रभारी दिनेश कुमार शुक्ला की तरफ से केस दर्ज हुआ।


जांच में पता चला कि फोन के प्रचार-प्रसार का काम कौशल विकास राज्यमंत्री के भाई ललित अग्रवाल की कंपनी भारती एडवरटाइजिंग कर रही है। कंपनी ने यूपी व उत्तराखंड में प्रचार के लिए करोड़ों का ठेका लिया है। पुलिस ने होर्डिंग लगाने वाली प्रचार कंपनी के जीएम नरेंद्रनाथ निगम को शनिवार रात ही पकड़कर हजरतगंज कोतवाली में बैठा लिया था और रविवार को औपचारिक कार्रवाई के बाद छोड़ दिया। 


फोन निर्माता कंपनी भी सवालों के घेरे में

पुलिस सूत्रों का कहना है कि इन-ब्लाक फोन बनाने वाली कंपनी फेसचेन का अस्तित्व सवालों के घेरे में है। कंपनी का संस्थापक और सीईओ दिल्ली निवासी दुर्गा प्रसाद त्रिपाठी है जो मूलरूप से सुल्तानपुर का है। पुलिस ने छानबीन की लेकिन कंपनी कहां है? फोन कैसे बनाएगी? इसके लिए रुपया कहां से आया? इस बारे में कुछ भी पता नहीं चल सका। पुलिस को आशंका है कि स्वदेशी फोन के नाम पर सरकार से सस्ती जमीन व अन्य सुविधाएं लेने की भी साजिश रची जा रही थी।

मंत्री बोले- मोबाइल कंपनी भाई की नहीं

मामले में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह ने मंगलवार को मंत्री कपिल देव अग्रवाल से जानकारी ली। साथ ही इस तरह के प्रकरणों को लेकर हिदायत दी। वहीं, अग्रवाल ने आरोपों को निराधार बताते हुए कहा है कि यह कंपनी न तो उनकी और न ही भाई या किसी रिश्तेदार की है।


कंपनी जीएसटी व एमएसएमई विभाग में पंजीकृत है। एक जनप्रतिनिधि के नाते उन्हें 22 दिसंबर को लॉन्चिंग कार्यक्रम में आमंत्रित किया था। जहां तक होर्डिंग पर फोटो का सवाल है तो उसने शायद मुझे आमंत्रित करने के कारण सम्मान स्वरूप व हमारे शीर्ष नेतृत्व की फोटो लगवा दी हो। इसके लिए कंपनी ने माफी भी मांग ली है। 

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