प्रदेश की जेलों में सुरक्षा कर्मियों की कमी अब होगी दूर


 प्रदेश की जेलों में सुरक्षा कर्मियों की कमी अब दूर होगी। पीएसी कर्मियों को कारागारों पर दो साल प्रतिनियुक्ति पर तैनात करने पर सहमति बन गई है। जल्द ही कारागार विभाग को 4635 जेल वार्डर मिल जाएंगे।  


कारागायों में क्षमता से अधिक कैदी निरुद्ध हैं। लिहाजा मौजूदा कर्मियों पर सुरक्षा का भार लगातार बढ़ता जा रहा है। कारागार विभाग ने शासन से इस समस्या के निदान का अनुरोध किया था। इस प्रस्ताव पर शासन ने पीएसी के जवानों को दो वर्ष की प्रति नियुक्ति पर जेलों की सुरक्षा में भेजने पर सहमति प्रदान कर दी है। 


सीधी भर्ती के माध्यम से 3638 बंदीरक्षकों (जेल वार्डर) की चयन प्रक्रिया भी जल्द पूरी होने वाली है। कारागार महानिदेशक आनंद कुमार ने बताया कि जेल वार्डरों के बड़े पैमाने पर रिक्त पदों के को लेकर पिछले दिनों शासन को एक प्रस्ताव भेजा गया था जिस पर शासन ने पीएसी के कुल 997 सिपाहियों को प्रतिनियुक्ति के आधार पर दो वर्ष के लिए जेल विभाग की सेवा में भेजने पर सहमति दे दी है। 

आईजी पीएसी आशुतोष कुमार ने शासन के आदेश की कारागार विभाग को जानकारी दी है। बताया है कि सीधी भर्ती 2018 के तहत भर्ती के लिए चयनित तथा वर्तमान में प्रशिक्षणरत 823 पीएसी के रिक्रूट सिपाहियों की सहमति प्राप्त हो चुकी है।

शेष 174 पीएसी रिक्रूट की सहमति प्रतीक्षित है जो प्राप्त होते ही अलग से उपलब्ध करा दी जाएगी। जेल वार्डर के 3638 पदों पर भर्ती प्रक्रिया उतर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड के माध्यम से चल रही है। लिखित परीक्षा हाल ही में सम्पन्न हो चुकी है। जल्द ही कारागार विभाग में सुरक्षा कर्मियों को लेकर चल रही दिक्कत दूर हो सकेगी।

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