अमेजन को बिग बाजार में 3.58 फीसद हिस्से दारी खरीदने को दिया मंजूरी
दुनिया की सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन को बिग बाजार संचालित करने वाली कंपनी फ्यूचर रिटेल में 3.58 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने की मंजूरी मिल गई है। इस वजह से कंपनी के शेयरों में 13 फीसदी का उछाल देखने को मिला। फ्यूचर रिटेल के देश भर में 1500 से अधिक स्टोर्स हैं और यह बिग बाजार के स्टोर्स के अलावा हैं। 
 

राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने इस डील को मंजूरी दे दी है। दोनों कंपनियों ने इसकी घोषणा इस साल अगस्त में की थी। 

फ्यूचर कूपंस के जरिए खरीदेगी 3.58 फीसदी शेयर


फ्यूचर कूपंस के जरिए अमेजन 1,500 करोड़ रुपये में फ्यूचर रिटेल के 3.58 फीसदी शेयर खरीदेगी। बता दें कि फ्यूचर कूपंस, फ्यूचर रिटेल की प्रमोटर ग्रुप कंपनी है। बिग बाजार का संचालन फ्यूचर रिटेल के तहत ही किया जाता है। 

प्रत्यक्ष तौर पर फ्यूचर कूपंस के पास फ्यूचर रिटेल के शेयर नहीं हैं। मार्च में दो हजार करोड़ रुपये में फ्यूचर कूपंस ने फ्यूचर रिटेल के 3.96 करोड़ वारंट सब्सक्राइब किए थे। ये 18 महीने में कभी भी 7.3 फीसदी शेयरों में बदले जा सकते हैं। रिपोर्ट्स की मानें तो 500 करोड़ रुपये अप्रैल में जारी किए जा चुके हैं। बाकी 1,500 करोड़ रुपये का भुगतान अमेजन करेगी। 1,500 करोड़ रुपये के बदले अमेजन को फ्यूचर रिटेल के 3.58 फीसदी शेयर मिलेंगे। 

दरअसल अमेजन पिछले कई महीने से फ्यूचर रिटेल में हिस्सेदारी खरीदने के लिए बात कर रही थी। फरवरी में एफडीआई के नियमों में बदलाव होने की वजह से फ्यूचर कूपंस के जरिए निवेश का रास्ता अपनाना पड़ा।

फ्यूचर रिटेल बिग बाजार, ईजी डे और नीलगिरि जैसे फूड एंड ग्रोसरी स्टोर्स का संचालन करती है। फ्यूचर रिटेल के पास 80 से अधिक ब्रांड्स हैं। इसमें से 50 फीसदी उत्पादों की बिक्री कंपनी के खुद के स्टोर्स से होती है। 

अमेजन बेचेगी बिग बाजार के उत्पाद


डील के मुताबिक अमेजन अपनी वेबसाइट पर बिग बाजार के सभी उत्पाद बेचेगी। अमेजन हाल ही में शॉपर्स स्टॉप, मोर सुपरमार्केट मे हिस्सेदारी खरीद चुकी है। इसके अलावा वो स्पेंसर्स में भी हिस्सेदारी खरीदने पर बात कर रही है। 

इसलिए करना चाहती है निवेश


अमेजन इस निवेश के जरिए अपने मुनाफे को बढ़ाना चाहती है। इसके साथ ही वो अपने ग्रोसरी बिजनेस को भी बढ़ाना चाहती है, जिसके लिए अभी विदेशी कंपनियां सीधे तौर पर फूड रिटेल बिजनेस में निवेश नहीं कर सकती हैं। कंपनी को अपना ग्रोसरी बिजनेस बढ़ाने के लिए केवल भारत में तैयार खाद्य उत्पादों को बेचने की अनुमति होगी।