फ़ाइलेरिया की दवाएं पूरी तरह सुरक्षित हैं

 



फ़ाइलेरिया की दवाएं खाने के बाद उल्टी होना सामान्य लक्षण है और यह शरीर में फाइलेरिया के कृमि होने के कारण होता हैं । उल्टी होने की दशा में बच्चों या व्यस्क व्यक्ति का मुंह और नाक कभी न दबाये |


(मिर्ज़ापुर – 17 जुलाई, 2021) – उत्तर प्रदेश के 12 जनपदों में आगामी 12 जुलाई से मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (आईडीए) कार्यक्रम शुरू होने के क्रम में जनपद मिर्ज़ापुर में भी यह कार्यक्रम प्रारम्भ हो चुका है और इस अभियान में कोविड-19 के दिशा-निर्देशों के अनुसार शारीरिक दूरी (दो गज की दूरी), मास्क और हाथों की साफ़-सफाई का अनुपालन करते हुए प्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा सभी वर्गों के लाभार्थियों को फाइलेरिया से सुरक्षित रखने के लिए डी.ई.सी. अल्बंडाज़ोल तथा आईवरमेक्टिन की निर्धारित खुराक स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा घर-घर जाकर,अपने सामने मुफ्त खिलाई जा रही है एवं किसी भी स्थिति में, दवा का वितरण नहीं किया जा रहा है । 2 वर्ष से कम उम्र के बच्चों, र्भवती महिलाओं और अति गंभीर रूप से बीमार व्यक्तियों को ये दवाएं नहीं खिलाई जा रही हैं । डी.ई.सी. ,अल्बंडाज़ोल, 2 से 5 वर्ष तक के बच्चों को उनकी आयु के अनुसार और 5 वर्ष से ऊपर आयु के बच्चों को डी.ई.सी.,अल्बंडाज़ोल तथा आईवरमेक्टिन की निर्धारित खुराक उनकी आयु और ऊँचाई के अनुसार प्रशिक्षित स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा खिलाई जा रही है | मिर्जापुर जनपद मे अबतक कुल 8,35,582 लाभार्थियों को फाइलेरिया रोधी दवाये खिलायी जा चुकी है ।  


इसी क्रम में आज दिनांक 17 जुलाई 2021 को जनपद के कछवा ब्लॉक में ढाई साल के बच्चे को डी.ई.सी. और अल्बंडाज़ोल की निर्धारित खुराक प्रशिक्षित स्वास्थ्यकर्मी द्वारा अपने सामने खिलाई गयी | स्वास्थ्यकर्मी ने बच्चे की आयु को देखते हुए, अल्बंडाज़ोल दवा को पीसकर, उस बच्चे को अपने सामने खिलाई | दवाएं खिलाने के कुछ समय बाद उस बच्चे को उल्टी होने लगी जो इस बात का प्रतीक हैं कि शरीर में फाइलेरिया के कृमि मौजूद हैं,दवा खाने के बाद से ऐसे लक्षण उत्पन्न होते हैं,परंतु परिवार द्वारा बच्चे की नाक और मुंह दबा कर उल्टी को रोकने की कोशिश की गई | बच्चे का पोस्टमार्टम हुआ है | 


कृपया अवगत होना चाहे कि फ़ाइलेरिया रोधी दवाएं पूरी तरह सुरक्षित हैं और रक्तचाप, शुगर, अर्थरायीटिस या अन्य सामान्य रोगों से ग्रसित व्यक्तियों को भी  ये दवाएं खानी हैं | सामान्य लोगों को इन दवाओं के खाने से किसी भी प्रकार के दुष्प्रभाव नहीं होते हैं और अगर किसी को दवा खाने के बाद उल्टी, चक्कर, खुजली या जी मिचलाने जैसे लक्षण होते हैं तो यह इस बात का प्रतीक हैं कि उस व्यक्ति के शरीर में  फाइलेरिया के कृमि मौजूद हैं, दवा खाने के बाद से ऐसे लक्षण उत्पन्न होते हैं | सामान्यतः ये लक्षण स्वतः समाप्त हो जाते है परंतु एसी किसी भी परिस्तिथि के लिए प्रशिक्षित रैपिड रिस्पॉन्स टीम तैनात है और उन्हे तुरंत उपचार के लिए तुरंत बुलाया जा सकता है ।

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