मलिन बस्तियों में 500 लीटर दूध और मट्ठा बांट रहा शुद्ध मिल्क 

लखनऊ। कोरोना महामारी के संकट से सबसे अधिक गरीब परिवारों के बच्चे प्रभवित हो रहे हैं। बड़ों को भोजन की व्यवस्था तो जिला प्रशासन और अन्य संस्थाओं की ओर से हो जाता है पर बच्चों को दूध आदि की का कोई इंतजाम नहीं है। इसी कमी को दूर करने के लिए शुद्ध दूध सराहनीय प्रयास कर रहा है। कंपनी सामाजिक कार्यकर्ताओं के जरिये 200 लीटर दूध और 250 लीटर दही मलिन बस्तियों और जरूरतमंद बच्चों के बीच मुफ़्त वितरित किया जा रहा है।
शुद्ध मिल्क कम्पनी के चेयरमैन पीयूष उपाध्याय ने बताया कि देश के लोगों के बीच ही हम सब अपना व्यापार करते हैं। यदि हम बुरे वक़्त में हम देश के काम नहीं आ सके तो यह अन्याय होगा। जानकारी के अनुसार मालिन बस्तियों में राशन तो बंट रहा था। दिहाड़ी मजदूरों को भोजन के पैकेट भी उपलब्ध करवाए जा रहे थे, पर उनके बच्चों को दूध मिलना दूर की कौड़ी हो गया था। दिहाड़ी मजदूर पैसा न होने की वजह से रोज़ाना दूध ख़रीदने में सक्षम नहीं थे। ऐसे में हमने फ़ैसला लिया कि जब तक करोना का संकट ख़त्म नहीं हो जाता हम सरकार के सहयोग और बच्चों को बचाने के लिए रोज़ाना मलिन बस्ती में दूध और दही का मुफ़्त वितरण करते रहेंगे। हम लोग अगर एक होकर सरकार की सहयता करेंगे तो ग़रीबी के साथ ही कोरोना से भी लड़ पाएंगे।