अप्रैल की मेहनत पर पानी ना फेर दे मई, डरा रहीं ये बड़ी बातें

6 मई 2020।  डेढ़ महीने से भारत में लॉकडाउन है, जो अभी भी जारी है, लेकिन अभी का लॉकडाउन 3.0 इससे पहले के बाकी दो से अलग है. इस बार के लॉकडाउन में दुकानें खुली हैं, लोग शॉपिंग कर रहे हैं. शराब के ठेके खुले हैं, जहां दारू खरीदने वालों की भीड़ लगी हुई है।


अभी तीसरे चरण के लॉकडाउन के दो ही दिन बीते हैं और आज तीसरा चल रहा है, लेकिन इसके कुछ खतरे सामने आने लगे हैं. कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में बढ़ोत्तरी और तेज हो गई है, जिसने ये डर पैदा कर दिया कि लॉकडाउन 3.0 में जिस तरह से जगह-जगह सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन हो रहा है, वह पिछले करीब डेढ़ महीने की मेहनत पर पानी ना फेर दे।


1- एक दिन में सबसे अधिक मामले
मंगलवार को एक दिन में कोरोना संक्रमण के सबसे अधिक 3,875 मामले सामने आए और 194 लोगों की मौत दर्ज की गई. ये एक दिन में सबसे अधिक कोरोना संक्रमण के मामले हैं, जिससे लोग डरे हुए हैं।


2- लगातार बढ़ रहे मामले
2 मई के बाद से ही भारत में कोरोना वायरस के मामले 2000 के आंकड़े से अधिक ही हैं. 2 मई को 2411 संक्रमण के मामले आए थे और 71 लोगों की मौत हो गई थी. 3 मई को संक्रमण का आंकड़ा बढ़कर 2487 (73 मौतें) हो गया. 4 मई तक संक्रमण ने 2573 (83 मौतें) का आंकड़ा छू लिया और 5 मई को इसने 3000 का आंकड़ा पार करते हुए ये 3875 पर जा पहुंचा। 


3- अप्रैल के किए कराए पर पानी ना फिर जाए
सबसे बड़ा डर ये है कि कहीं अप्रैल के किए कराए पर पानी ना फिर जाए. अप्रैल के दूसरे पखवाड़े में यूं लग रहा था कि लॉकडाउन समेत तमाम उपायों से भारत में काफी हद तक कोरोना वायरस पर काबू पा लिया गया है, लेकिन अब डर है कि कहीं सारी किए कराए पर पानी ना फिर जाए।


4- संक्रमण करीब 50 हजार पहुंचा
स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से बुधवार को जारी आंकड़ों के अनुसार देश में अब तक 49,391 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं. इनमें से 33,514 एक्टिव मामले हैं, जबकि 14,182 लोग ठीक होकर घर जा चुके हैं और 1694 लोगों की मौत हो गई है।


5- फिर से बढ़ने लगा ग्राफ
सात दिनों का कोरोना वायरस के मामलों का कंपाउंड डेली ग्रोथ रेट 8 अप्रैल को गिरना शुरू हुआ था और 1 मई तक चला. इसके बाद 2 मई से इसका ग्राफ फिर से ऊपर की ओर बढ़ा शुरू हो गया है।


6- मामले दोगुने होने की रफ्तार घटी
कोरोना वायरस के मामले अप्रैल के पहले सप्ताह में 4 दिन में डबल हो रहे थे. धीरे-धीरे ये वक्त बढ़ता गया और अप्रैल अंत तक मामले 11 दिन में डबल होने लगे, जो देखकर लगा कि कोरोना पर काबू पाया जा रहा है, लेकिन अब जिस तरह मामले बढ़ रहे हैं, वह डराने वाले हैं।


7- अब तक कोरोना का कर्व नीचे नहीं आया
अभी तक कोरोना वायरस के मामलों की रफ्तार सिर्फ धीमी हुई थी, जिसके चलते इसका कर्व फ्लैट होने की ओर बढ़ रहा था, लेकिन इसमें गिरावट नहीं आई है. अब जिस तेजी से मामले बढ़ रहे हैं, उससे लग रहा है कि ये कर्व एक बार फिर से ऊपर की तरफ तेजी से ना बढ़ने लगे।


8- लॉकडाउन 3.0 का असर तो बाद में दिखेगा
ये भी ध्यान रखना जरूरी है कि मामलों में तेजी से हो रही बढ़ोत्तरी इसलिए नहीं है क्योंकि 3 मई के बाद से लॉकडाउन 3.0 में तमाम रियायतें दी गई हैं. इसका असर तो कम से कम 7-10 दिन बाद दिखना शुरू होगा।


9- मई के 4 दिन, 21 दिन के लॉकडाउन के बराबर
अगर मई के शुरुआती 4 दिनों के कोरोना संक्रमण के आंकड़ों को देखें तो पता चलता है कि 21 दिन के पहले चरण के लॉकडाउन में जितने मामले सामने आए थे, उससे अधिक मामले तो इन 4 दिनों में ही आ गए. ये आंकडा 10 हजार से अधिक है।


10- टेस्टिंग क्षमता भी बढ़ी
कोरोना वायरस के मामले बढ़ने की एक बड़ी वजह टेस्टिंग का बढ़ना भी है. मार्च में रोजाना 5000 तक सैंपल टेस्ट होते थे, जो अब 70 हजार के करीब पहुंच चुके हैं. अधिक लोगों की टेस्टिंग से भी अधिक मामलों का पता चल रहा है. यानी बहुत से ऐसे लोग हैं, जो बीमार हैं, लेकिन टेस्टिंग ना होने की वजह से पता नहीं चल रहा है।


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