लॉक डाउन के चलते छोटे बच्चों के साथ भीख मांग कर पेट पालती महिला

कौशाम्बी। पूरे विश्व में कोरोना वायरस की महामारी के बाद लॉक डाउन की घोषणा से श्रमिकों के काम धंधे बंद हो गए जिससे उनके घरों में रोजी-रोटी का सहारा टूट गया इस स्थिति में गरीब परिवारों के बीच दो जून रोटी का प्रबंध नहीं हो पा रहा है जिससे तमाम परिवार दो जून रोटी का जुगाड़ करने में परेशान है तमाम स्वयंसेवी संस्था और जिम्मेदार लोग गरीबों को भोजन पहुंचाने की बात कर रहे हैं लेकिन वास्तविकता यह है कि जरूरतमंदों तक भोजन और राहत सामग्री नहीं पहुंच पा रही है ऐसा ही एक मामला मंझनपुर के ईदगाह के पास रहने वाली महिला मुस्लिमा पत्नी कादिर देखने को मिला है अपने दो छोटे-  छोटे बच्चों को लेकर महिला पूरे दिन नगर में रोटी के जुगाड़ में भटकती है बमुश्किल उसे दो जून रोटी की व्यवस्था हो पाती है जिससे वह परिवार को इस महामारी के संकट में जीवन बचा रही है कोरोनावायरस की महामारी के बीच उपजे आर्थिक संकट ने तमाम परिवारों को दिक्कत में डाल दिया है लेकिन इन गरीब भूखे जरूरतमंद परिवारों की ना तो सरकार सुन रही है और ना ही समाज के लोग इन गरीबों की ओर नजर डाल रहे हैं।


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