पिछले 24 घंटे में 3561 नए मामले सामने आए, 89 लोगों की मौत


राजस्थान में 38 नए मामले, संक्रमितों की संख्या 3355 हुई।
कोरोना योद्धाओं के सम्मान में पीएम मोदी का संबोधन
दिल्ली से मध्यप्रदेश के लिए श्रमिक विशेष ट्रेन आज होगी रवाना।
तमिलनाडु में आज से खुलीं शराब की दुकानें, लगी लंबी कतारें।


नई दिल्ली ।    देशभर में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, पिछले 24 घंटे में 3561 नए मामले सामने आए हैं और 89 लोगों की मौत हुई है। इसके बाद देशभर में कोरोना पॉजिटिव मामलों की कुल संख्या 52,952 हो गई है, जिनमें 35,902 सक्रिय हैं, 15,267 लोग स्वस्थ हो चुके हैं या उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है और 1783 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, आज राजस्थान में 38 और ओडिशा में 20 नए मामले दर्ज किए गए हैं। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज श्रम कानूनों में कुछ बदलाव की घोषणा की। जिसमें न्यूनतम प्रतिबंधों के साथ कारखानों में अधिकतम उत्पादन की अनुमति भी शामिल है। सरकार कारखानों में श्रमिकों के काम के घंटे बढ़ाने की अनुमति दे सकती है और सप्ताह में 72 घंटे तक ओवरटाइम की अनुमति दे सकती है। तमिलनाडु में आज से कंटेनमेंट जोन को छोड़कर सभी जगह शराब की दुकानें खुल रही हैं। सरकारी तमिलनाडु स्टेट मार्केटिंग कॉर्पोरेशन लिमिटेड (TASMAC) ने आज से शराब की दुकानें खोल दी हैं। तिरुवल्लूर के मयूर गांव में शराब की दुकान के बाहर लोगों की लंबी लाइन लगी है। राजस्थान राज्य स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, राज्य में आज सुबह नौ बजे तक कोरोना पॉजिटिव के 38 नए मामले सामने आए हैं और दो लोगों की मौत हुई है। इसके बाद संक्रमितों की कुल संख्या 3355 हो गई और 95 लोगों की मौत हो चुकी है। दिल्ली से प्रवासी मजदूरों को लेकर पहली श्रमिक स्पेशल ट्रेन आज मध्य प्रदेश के छतरपुर के लिए रवाना होगी। ये ट्रेन आज रात आठ बजे चलेगी। इस ट्रेन से 1,200 मजदूर अपने घर वापस जाएंगे। ये प्रवासी मजदूर दिल्ली के अलग-अलग रैन बसेरों में ठहरे हैं। रेलवे के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। लॉकडाउन के बीच अब भी कुछ प्रवासी मजदूर पैदल ही अपने घर जाने को मजबूर हैं। दिल्ली में एक प्रवासी मज़दूर ने बताया कि नांगलोई से आ रहा हूं और मुझे झांसी जाना है। यहां खाने को तो मिल रहा है लेकिन रहने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। हमारे लिए कोई ट्रेन नहीं खुली और न ही बस मिल रहा। सरकार हमारे लिए कुछ नहीं कर रही। लॉकडाउन में चाय इंडस्ट्री संकट के दौर से गुजर रही है। पश्चिम बंगाल सिलीगुड़ी में इस दौरान चाय की खेती में अधिकतम 25 फीसदी लोगों को ही काम पर बुलाया जा सकता है। ऐसे में बागान मालिक पत्ती तोड़ने के लिए मशीन का इस्तेमाल कर रहे हैं जिससे मजदूरों की कमी के चलते चाय की पत्तियां खराब न हों। बगान मालिक सतीश मित्रुका ने बताया कि एक दिन में एक मजदूर 20-25 किलो पत्ती तोड़ता है, वहीं मशीन एक दिन में 200-250 किलो पत्ती तोड़ सकती है।