राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन एवं कालाजार ( विश्लेरल लिश्मेनिएसिस ) उन्मूलन कार्यक्रम की जिला स्तरीय वर्चुवल समीक्षा।


"टीबी पीड़ित बच्चे को गोद लेंगे सदर सांसद"


दिनांक 18 जून 2020 जनपद गोरखपुर आज दिनांक 18 जून 2020 को जनपद के गोरखपुर में राष्ट्रीय क्षय रोग (टीबी) उन्मूलन एवं कालाजार उन्मूलन कार्यक्रम की जिला स्तरीय वर्चुवल समीक्षा वार्ता का आयोजन सदर सांसद और सिने स्टार रविन्द्र स्याम नारायण शुक्ल उर्फ रवि किशन की अध्यक्षता में किया गया इस बैठक में जनपद के खजनि विधायक संत प्रसाद, जिलाधिकारी के.विजयेंद्र पांडियन, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ श्रीकांत तिवारी, जिला क्षय रोग अधिकारी, डॉ रामेस्वर मिश्र, जिला मलेरिया अधिकारी डॉ ए. के. पांडेय ने प्रतिभाग किया।


इस वर्चुवल समीक्षा बैठक में जनपद गोरखपुर के सांसद रवि किशन ने कहा माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने की टीबी की व्यापकता को गमबीरता लेते हुवे इसे प्राथमिकता में लिया है औऱ उन्होंने वर्ष 2025 तक टीबी उन्मूलन का लक्ष्य भी निर्धारित किया है परन्तु कोरोना महामारी के साथ यह भी सुरक्षित करना अत्यंत महत्वपूर्ण है कि टीबी जैसी लम्बे समय से चली आ रही स्वस्थ समस्याओं के प्रबंधन के लिए सेवाओं का संचालन अनवर जारी रहे। उन्होंने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री जी और  माननीय मुख्यमंत्री जी बहुत बारीकी से इसकी समीक्षा करते है बैठक में  मुख्य चिकित्साधिकारी ने जनपद गोरखपुर में टीबी कार्यक्रम की वर्तमान स्थिति पर प्रकाश डालते हुवे गोरखपुर में टीवी कार्यक्रम पर पड़ने वाले प्रभाव पर का विस्तृत चर्चा की। बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने कहा कि उनके स्तर सेवा प्रदाताओं को वे टीबी मरीजों की अघटन निरंतर सरकार से साझा करते रहें। इसके साथ ही निश्चित पोषण योजना के लाभार्थियों का भुगतान प्राथमिकता के साथ समय से करवाना सुनिश्चित किया जा रहा है बैठक के दौरान जिलाधकारी के यह अवगत कराया कि महामहिम राज्यपाल महोदय को पहल के बाद जनपद के सभी अधिकारियों ने एक-एक टीबी पीड़ित बच्चे गोद लिया है इसीक्रम मे सदर, सांसद गोरखपुर ने कहा कि जब वह भी गोरखपुर में टीबी रोग से ग्रसित बच्चे को गोद लेंगे, कालाजार कार्यक्रम पर चर्चा करते हुवे जिला मलेरिया अधिकारी ने अवगत कराया कि उत्तर प्रदेश में कालाजार बीमारी के मरीजों में कमी आई है उन्होने बताया कि दो सप्ताह से ज्यादा से ज्यादा से बुखार होना तिल्ली और जिगर बढ़ना, कालाजार के कुछ लक्षण है। इस बीमारी के उपचार हेतु नई चिकित्सा पद्यति से मात्र एक दिन में इलाज किया जाता है यह सुविधा समस्त कालाजार प्रभावित जिलों के सदर अस्पताल और चुनिन्दा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर निशल्क उपलब्ध है।वर्ष 2018 में उत्तर प्रदेश में कालाजार के लगभग 120केश थे जो इस समय 97 रह गए हैं राष्ट्रीय कालाजार उन्मुलन कार्यक्रम के अंतर्गत आई आर एस योन Indoor Residual स्प्रिंग अभियान के माध्यम से स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा कीटनाशक दवा का छिड़काव किया जाना है। सदर संसद ने कहा कि हम इस बीमारी के उन्मूलन के बहुत करीब है और वह जिला मलेरिया अधिकारी से यह अपेक्षा करते है कि वह इस अभियान को शत प्रतिशत सफल बनायेंग।सांसद जी ने जे. ई. / ए .ई. एस की तैयारियों के बारे में भी जानकारी ली और सभी अधिकारियों को इस विषय पर कार्य करने के लिए निर्देशित किया। उन्होंने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री जी के तेदाब ने हमने जे.ई / ए. ई. एस पर नियंत्रण पर लिया है और हम इस पर निरंतर ध्यान रखने की आवश्यकता है। अतः में उन्होंने सभी अधिकारियों को यह आदेश दिया कि टीबी कालाजार एवं अन्य बीमारियों के उन्मूलन हेतू वह किसी भी सहयोग के लिये हमेशा तैयार हैं।