निर्माण कार्यों में गड़बड़ियों पर मंडी परिषद के उप निदेशक (निर्माण) अखिलेश यादव पर गाज गिरी


निर्माण कार्यों में गड़बड़ियों पर मंडी परिषद के तत्कालीन उप निदेशक (निर्माण) अखिलेश यादव पर सेवानिवृत्ति के बाद गाज गिरी है। उनसे 20 लाख रुपये की रिकवरी, तीन इन्क्रीमेंट अवरुद्ध माने जाने और परिनिंदा प्रविष्टि का दंड दिया गया है। लखनऊ, मिर्जापुर और सुल्तानपुर में तैनाती के दौरान उन्होंने ये गड़बड़ियां की थीं। 16 नवंबर 2017 से उनके खिलाफ जांच की कार्यवाही चल रही थी।


अखिलेश यादव 30 जून 2018 को सेवानिवृत्त हो चुके हैं। यादव के ऊपर लखनऊ के कार्यकाल में उप मंडी स्थल, मलिहाबाद के आंतरिक सड़क का बिना निर्माण कार्य प्रारंभ कराए 2.79 करोड़ रुपये का अग्रिम भुगतान करने का आरोप जांच में सही पाया गया। मिर्जापुर के कार्यकाल में गड्ढा मुक्ति अभियान में ढिलाई बरतने और सुल्तानपुर के कार्यकाल में सीमेंट की 60 हजार बोरी के लिए 74.83 लाख का अग्रिम भुगतान करने के बाद भी 9109 बोरी सीमेंट कम प्राप्त कर विभाग को क्षति पहुंचाने के आरोप भी थे।
सुल्तानपुर में 9254 बोरी सीमेंट कम लेने का आरोप साबित पाया गया। मलिहाबाद में ठेकेदार से मयब्याज राशि वसूल कर ली गई, जबकि सीमेंट के मामले में 19 लाख 94 हजार 459 रुपये की क्षति हुई। सहायक अभियंता के अग्रिम बिल भुगतान पास न करने पर उन्होंने अपने स्तर से ही बिल पास कर भुगतान कर दिया। इन आरोपों के सही पाए जाने पर उनके खिलाफ कार्रवाई का आदेश जारी कर दिया गया है। रिकवरी सेवानिवृत्ति पर मिलने वाले देयों से की जाएगी


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