अयोध्मा में राममंदिर की नींव से पहले परकोटा व रिटेनिंग वॉल का किया जाएगा निर्माण

 


अयोध्मा में राममंदिर की नींव से पहले परकोटा व रिटेनिंग वॉल का निर्माण किया जाएगा। मंदिर के तीन तरफ रिटेनिंग वॉल का निर्माण किया जाएगा। एक तरफ वॉल को ओपन रखा जाएगा। रिटेनिंग वॉल की मजबूती को लेकर भी तकनीकी एजेंसियां मंथन में जुटी हैं ताकि प्राकृतिक आपदाओं की स्थिति में मंदिर सुरक्षित खड़ा रहे और उसे झटकों आदि से बचाया जा सके। 

इस बीच बैठक में शामिल ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरि का कहना है कि निर्माण कंपनी के इंजीनियरों की रिपोर्ट 15 दिसंबर तक आएगी। जिसका अध्ययन तकनीकी समिति के सदस्य करेंगे जिसके बाद ही नींव के काम को लेकर कोई तिथि तय की जा सकती है।

उनका कहना है कि इस सब काम में कम से कम एक माह का समय लगेगा। इसके बाद ही नींव का काम प्रारंभ होगा। नृपेंद्र मिश्र की अध्यक्षता में दो दिनों में करीब दस घंटे तक हुई बैठक में विशेषज्ञों व ट्रस्ट के पदाधिकारियों के साथ मंदिर की बुनियाद की मजबूती व अन्य तकनीकी पहलुओं पर गहन मंथन हुआ। अब टाटा कंसल्टेंसी व एलएंडटी के इंजीनियर संयुक्त रूप से आगामी 15 दिसंबर को अंतिम रिपोर्ट देंगे। इसी आधार पर नींव के नक्शे पर मुहर लगेगी।

बैठक में ये लोग रहे शामिल

बैठक में मंडलायुक्त व डीएम के साथ 67 एकड़ के बाहर राममंदिर की भव्यता के अनुरूप प्रस्तावित विकास कार्य को लेकर भी विचार विमर्श हुआ। तय हुआ कि जिला प्रशासन के साथ सामंजस्य बनाकर यह विकास कार्य कराए जाएंगे।

बैठक में ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय, सदस्य डॉ. अनिल मिश्र, राममंदिर के आर्किटेक्ट आशीष सोमपुरा, निखिल सोमपुरा, सेवानिवृत्त आईएएस शत्रुध्न सिंह, एलएंडटी के कार्यकारी अधिकारी दिवाकर त्रिपाठी, अक्षरधाम के आर्किटेक्ट ब्रह्मबिहारी स्वामी सहित टाटा, सीबीआरआई, चेन्नई व सूरत के विशेषज्ञ शामिल रहे।

नींव में आरसीसी या पत्थर को लेकर मंथन

नींव में आरसीसी या पत्थर लगाने को लेकर भी पेच फंसा है। ट्रस्ट ने पहले कहा था कि नींव में पत्थर का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा, लेकिन अब आरसीसी व पत्थर को लेकर मंथन हो रहा है। इसको लेकर अंतिम निर्णय सीबीआरआई रुड़की, आईआईटी चेन्नई के साथ आईआईटी गुवाहाटी को देना है।

 अब इस कार्य में आईआईटी गुवाहाटी को भी जोड़ लिया गया है। तीनों एजेंसियों की रिपोर्ट के आधार पर आगे का कार्य तय होगा।