जिस बेटी को नाज से पाला था, उसने ही अपने मां-बाप का लिख दिया कत्लनामा

 


जिस बेटी को नाज से पाला था, उसने ही अपने मां-बाप का कत्लनामा लिख दिया। कभी जिनके हाथों से उसने निवाले खाए, उन्हें ही अपने हाथों से मौत की नींद सुला दिया। दरअसल, हम बात कर रहे हैं इंदौर में पुलिसकर्मी दंपत्ति के डबल मर्डर, जिनके कत्ल की इबारत उनकी अपनी लाडली ने लिखी। ...और अब उन्हें बदनाम भी कर रही है। कातिल बिटिया ने पहले चिट्ठी लिखकर पिता का नाम खराब करने की कोशिश की और अब पुलिस गिरफ्त में आने के बाद मां के दामन में दाग लगाने की कोशिश कर रही है। इस रिपोर्ट में हम जानते हैं इंदौर में हुए रिश्तों के कत्ल की पूरी कहानी...

बेटी ने खुद भी किए थे माता-पिता पर वार

बता दें कि इंदौर के रुक्मणि नगर में पुलिसकर्मी ज्योति प्रसाद शर्मा और उनकी पत्नी नीलम शर्मा की हत्या कर दी गई। इस सनसनीखेज वारदात में नाबालिग बेटी ही मास्टरमाइंड निकली। उसने इस दोहरे हत्याकांड के लिए अपने प्रेमी को उकसाया था। फिर सहानुभूति पाने और केस गुमराह करने के लिए पिता पर शोषण जैसे घिनौने आरोप लगाते हुए एक चिट्ठी लिख दी। पुलिस पूछताछ में उसने कहा कि पापा मेरी जासूसी करा रहे थे। अगर उनकी हत्या नहीं करती तो क्या करती? पूछताछ में युवती ने बताया कि उसने खुद भी अपने ही मम्मी-पापा पर धारदार हथियार से वार किए थे। 

पहले पिता पर लगाए आरोप, अब मां को बताया गलत

गौर करने वाली बात यह है कि बेटी ने वारदात के बाद घर में एक चिट्ठी छोड़ी थी, जिसमें उसने अपने पिता पर अभद्र आरोप लगाए थे। अब पूछताछ के दौरान उसने अपनी मां के बारे में भी गलत बातें कहीं। उसने कहा कि मेरी ज्यादा मेकअप करती थी। वह चैटिंग भी करती थी। इसकी वजह से मम्मी-पापा का रोजाना झगड़ा भी होता था। मैं उनके साथ नहीं रहता चाहती थी।

इंदौर की पूरी पुलिस लगाकर मुझे खोज लेते पापा

पूछताछ के दौरान आरोपी बेटी ने जो खुलासे किए, उन्हें सुनकर पुलिस भी हैरान है। उसने बताया कि वह अपने प्रेमी धनंजय उर्फ डीजे को बचाना चाहती थी, इसलिए पुलिस को गुमराह करने के लिए उसने अपने पिता के बारे में झूठ लिखा था। जब मेरा भाई इंदौर छोड़कर गया तो उसके दोस्त मेरी जासूसी करने लगे। उन्होंने ही डीजे और मेरे बारे में पापा को बताया। इसके बाद पापा ने मुझे पीटा। मुझ पर बंदिशें लगा दीं। मुझे कोचिंग छोड़ने खुद जाते और कैमरे से नजर रखने लगे। पापा को इतना गुस्सा आता था कि वह इंदौर की पूरी पुलिस लगाकर मुझे खोज लेते। ऐसे में उनकी हत्या करना बेहद जरूरी था। मैंने डीजे से कोई रिलेशन नहीं बनाए, चाहे तो मेरा मेडिकल करा लो।

ऐसे अंजाम दी थी वारदात

आरोपी धनंजय उर्फ डीजे ने पूछताछ में बताया कि मेरी प्रेमिका ने बुधवार रात उसके पिता के रोजाना की तरह शराब पीकर आने की जानकारी दी थी। गुरुवार तड़के साढ़े तीन बजे उसने फोन करके मुझे बुलाया। मैं चार बजे उसके घर पहुंचा। उसकी मां बाहर वाले कमरे में सो रही थी। मैंने पहले उन पर ही हमला किया। शोर सुनकर ज्योति प्रसाद बाहर आ गए तो मैंने उन्हें भी मार डाला। इसके बाद अलमारी से 1.19 लाख रुपये निकाले और कैमरे का डीवीआर बंद करके भाग गए। हम दोनों एक्टिवा से गांधीनगर पहुंचे। दोस्त को एक्टिवा लौटाई और घर से बाइक ले ली। इसके बाद विजयनगर चौराहा पर चाय-नाश्ता किया और भाग निकले। हम प्रतापगढ़ जाना चाहते थे। वहां काम मिल जाता तो कभी नहीं लौटते।

ऐसे धरे गए दोनों आरोपी

वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपियों ने अपने मोबाइल इंदौर में ही फेंक दिए थे, लेकिन पुलिस ने उनके सभी परिचितों के नंबर सर्विलांस पर लगा दिए थे। पुलिस के मुताबिक, आरोपी डीजे ने रास्ते में एक व्यक्ति से फोन लेकर अपने दोस्त से मदद मांगी, जिसके बाद पुलिस आरोपियों तक पहुंच गई। 

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